नई शिक्षा नीति 2020 (New Education policy) :
शिक्षा नीति का अर्थ है कि स्कूली शिक्षा कितने वर्षों के लिए होगी, स्नातक कितने वर्षों के लिए होगा, बोर्ड परीक्षाएँ किस कक्षा में होंगी, इस तरह के नियमों का निर्धारण शिक्षा नीति हैं। और इन नियमों की एक नई नीति मोदी सरकार द्वारा लाई गई है, जिसे नई शिक्षा नीति, 2020 का नाम दिया गया है।
नई शिक्षा नीति (2020) की जरुरत क्यों
34 साल बाद भारत की शिक्षा नीति में कुछ बदलाव हुआ है इससे पहले राजीव गाँधी के समय शिक्षा नीति में बदलाव हुआ था।
नयी शिक्षा नीति में स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं नयी शिक्षा नीति से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और साथ ही, इनोवेशन और रिसर्च को भी बढ़ावा मिलेगा।
भारत को दुनिया में सुपर पावर बनाने के लिए नई शिक्षा नीति की जरूरत है क्यूंकि किसी भी देश का भविष्य वहां रह रहे बच्चों के हाथ में होता है और जब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी तभी वो देश तरक्की कर पायेगा।
नई शिक्षा नीति (2020) से क्या-क्या बदलाव होगा
मानव संसाधन विकास (MHRD) मंत्रालय के नाम में परिवर्तन
कैबिनेट द्वारा ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदल कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ करने को भी मंज़ूरी दी गई है। अब एचआरडी मंत्री को ही भारत का शिक्षा मंत्री कहा जाएगा। पहले इस मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय ही था। सन् 1985 में राजीव गांधी सरकार ने इसका नाम बदलकर मानव संसाधन मंत्रालय कर दिया था।
स्कूली शिक्षा में 5+3+3+4 फॉर्मेट शुरू होगा
नई शिक्षा नीति (2020) के तहत स्कूली शिक्षा जो की अभी 10+2 के फॉर्मेट पर चल रही थी, उस 10+2 फॉर्मेट को खत्म कर दिया गया है।
स्कूली शिक्षा को अब 10+2 से 5+3+3+4 फॉर्मेट में बदल दिया गया है।
इसके तहत स्कूल के पहले पांच वर्षो की पढाई फाउंडेशन स्टेज मानी जाएगी। यानि इस दौरान छात्रों के लिए एक मजबूत नींव तैयार की जाएगी
पहले पांच वर्ष में प्री प्राइमरी के तीन वर्ष और पहली और दूसरी कक्षा के एक-एक वर्ष को शामिल किया गया है।
इसके बाद अगले तीन साल यानि कक्षा तीसरी से पांचवी कक्षा की पढाई के चरण में विभाजित किया गया है।
इसके बाद में अगले तीन साल यानि (मध्य चरण) कक्षा छठी से आठवीं कक्षा की पढाई के चरण में विभाजित किया गया है।
और स्कूली शिक्षा के आखिर के चार वर्ष कक्षा नौवीं से बारवीं कक्षा की पढाई के चरण में विभाजित किया गया है। जिसमें बच्चों को सब्जेक्टस गहराई से पढ़ाए जाएंगे।
स्कूलों से स्ट्रीम सिस्टम खत्म
नई शिक्षा नीति (2020) के तहत अब नौवीं से बारवीं तक के बच्चो को स्ट्रीम चुनने की जरूरत नहीं होगी अब मल्टी स्ट्रीम पढ़ाई होगी।
यानि की कॉमर्स का कोई छात्र चाहे तो हिस्ट्री भी पढ़ पाएगा और आर्ट्स का कोई छात्र चाहे तो फिजिक्स भी पढ़ पायेगा।
पहले अगर आपने आर्ट्स स्ट्रीम ली है तो आप साइंस की पढ़ाई नहीं कर सकते थे और अगर आपने साइंस ली है तो आप आर्ट्स की पढ़ाई नहीं कर सकते थे।
लेकिन नई शिक्षा नीति के आने से ये सब कुछ बदल जायेगा अब आप फिजिक्स, एकाउंट्स, हिस्ट्री सब सब्जेक्ट्स एक साथ पढ़ सकते है
बच्चों का रिपोर्ट कार्ड 360 डिग्री असिस्मेंट के आधार पर बनेगा
अब बच्चों का रिपोर्ट कार्ड 360 डिग्री असिस्मेंट के आधार पर तैयार किया जायेगा, इसका अर्थ है की इसमें छात्र खुद को भी अंक देंगे यानि अपना खुद का भी विश्लेषण करेंगे और साथ ही छात्रों के शिक्षक भी छात्रों को अंक देंगे और छात्रों के सहपाठी भी छात्रों का आंकलन करेंगे।
कॉलेज के छात्रों के लिए नई शिक्षा नीति में बदलाव
अब देश के छात्र कॉलेज में एडमिशन के लिए Common Aptitude Test दे पाएंगे इसका अर्थ ये है की अगर आपके बारवीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम में इतने अच्छे अंक नहीं आये है की आपको कट ऑफ परसेंटेज के आधार पर किसी कॉलेज में एडमिशन मिल पाए,
तो आप Common Aptitude Test भी दे सकते है और फिर इस टेस्ट में आपके प्रदर्शन को आपके बारवीं कक्षा के अंको के साथ जोड़ दिया जायेगा और उस आधार पर आपको आपके मन पसंद कॉलेज में एडमिशन मिल पायेगा
ग्रेजुएशन के छात्रों के लिए बदलाव
नई शिक्षा नीति (2020) के आने के बाद ग्रेजुएशन की पढाई को तीन और चार वर्षो के Course duration में बाँट दिया जायेगा।
पहले अगर आप ग्रेजुएशन की पढाई पूरी नहीं कर पाते थे तो आपको ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिलती थी पहले सिस्टम ये था कि या तो आप पूरी पढ़ाई कीजिये या तो बिलकुल मत कीजिये।
लेकिन नई शिक्षा नीति लागु होने के बाद अगर आपने 1st Year कम्पलीट करने के बाद पढाई छोड़ी है है तो आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा ये आपका सर्टिफिकेट कोर्स माना जाएगा,
और अगर आप 2nd Year कम्पलीट करने के बाद पढाई छोड़ देते है तो आपको डिप्लोमा दिया जायेगा और जब आप पूरे तीन साल की पढ़ाई कर लेते है तो आपको Bachelor degree दी जाएगी।
और अगर आप चार साल का कोर्स करने के बाद डिग्री लेना चाहते है तो आपको रिसर्च सर्टिफिकेट के साथ डिग्री Bachelor degree भी दी जाएगी।
और एक महत्वपूर्ण बात ये कि अगर आपने 1st year या फिर कोई सा भी year करने के बाद कुछ समय के लिए पढ़ाई छोड़ दी है और फिर कुछ समय बाद आप दुबारा से अपनी पढ़ाई शुरू करना चाहते है तो आपको दुबारा से फर्स्ट ईयर नहीं करना पड़ेगा। आपने जो भी ईयर कम्पलीट करने के बाद पढ़ाई छोड़ी थी आप वही से दुबारा स्टार्ट कर सकते है।
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